Purane Din Ki Love Story | बीते दिन के प्यार की कहानी
जीवन में कभी किसी ना किसी को किसी से एकतरफा प्यार जरूर ही हुआ होगा। क्योंकि किसी को बिना कुछ बताए उसे मन ही मन चाहना और मन ही मन प्यार करना एक तरफा प्यार हैं
10 अगस्त 2019 मुझे वो दिन बहुत ही अच्छे से याद है जब मैं डिफेंस हॉस्टल छोड़ कर वापस घर आ रहा था ।
लगभग 5 बजे थे उस समय मैं भी उसी बस में सवार था जिस बस में वो , मैं उस दिन लास्ट की सीट पर था और मेरी नजर न जाने आगे देखें जा रही थी सायद उसे ही देख रही हो ।
नजर अंदाज भी किया लेकिन रोज वही सीन अब मैं भी रोज उसी बस में पलसाना आने लगा, लाइब्रेरी का तो बहाना था ।
काफी दिन ऐसे ही गुजर गए कुछ नहीं बस आते, उसे देखते और शाम को घर चले जाते अपनी बात को कहने का डिसाइड भी किया लेकिन ये सोच के रुक जाया करते कि इसका अंजाम क्या होगा । तारीख पर तारीख जा रही थी ऐसे ही पूरा साल बर्बाद कर दिया मैने पर विस्वास था कि आज नहीं तो कल मैं बोल ही दूंगा लेकिन कभी हिम्मत नहीं जुटा पाया कभी कभी लगा सायद ,
रास्ता मेरे लिए ठीक नहीं है पर ये सिर्फ दिमाग बोलता था दिल नहीं , दिल का इशारा तो एक ही था जो कर रहा है कि पीछे मत देख जिंदगी आगे है । रोज उसके स्कूल के छूटने पर उसे देखने जाना फिर घंटो उसके बारे में सोचना क्या दिन गुजर रहे थे मानो जिंदगी में इसी का कोर्स करना है और पूरा होने पर डिप्लोमा भी मिलेगा ।
लेकिन जैसे ही 2020 शुरू हुआ सोचा या तो बोल देंगे या फिर हमेशा के लिए उसके बारे में सोचना ही छोड़ देंगे पर ये सब कहा बड़े बुजुर्ग कह गए कि “दिल तो पागल है दिल दीवाना है ” ये बात अब सटीक जच रही थी मेरे ऊपर । जैसे तैसे करके उसके लिए एक लव लेटर तैयार किया मतलब प्रेम पत्र । अब समस्या थी कि ये प्रेम पत्र देने कोन जाने वाला है क्योंकि अगर मैं ही ये काम करता तो फिर लेटर की जरूरत ही क्या थी मैं तो सीधे सीधे उसके सामने फेस टू फेस भी बोल सकता था । कहने का तात्पर्य है कि मैं ना तो पक्का था और थोड़ा डरपोक पर मुझे नही पता था कि इस की कीमत बहुत ही बड़ी होगी ।
मेरे कुछ कमीने दोस्त अब क्या ही कहूं उनके बारे में चलो छोड़ो जाने दो पर उनकी एडवाइस से समस्या का हल निकल गया कि तुझे कही जाने की जरूरत नहीं है तू बस उसकी बेस्ट फ्रेंड को ये लेटर दे देना वो उसे दे देगी ।
मुझे भी ये आइडिया कुछ ज्यादा बुरा नहीं लगा इसलिए मैने हा कर दी और मैंने अपनी जिंदगी की इतनी बड़ी भूल जो सयाद भूल से भी बड़ी , कर दी ।
यही से शुरू हुआ मेरे देवदास बनाने का पहला चरण । उसकी बेस्ट फ्रेंड ने तो मना ही कर दिया ” आपको इस लेटर की आगे जरूरत पड़ने वाली है ” ये शब्द जो मुझे आज भी अंदर से निचोड़ कर रख देता है ये सायद एक पहेली थी जो मेरे से आज तक नहीं सुलझ पाई है ।
उसके बाद भी उसका कोई प्रति उत्तर नही आया मैं इंतजार करता रहा पर …..
20 मार्च 2020 को कोरोना के चलते पूरे भारत में लॉक डाउन लग गया उसकी यादें बस आखों में ही बची थी उसकी सकल , सब भूल कर एक नई कहानी की शुरुआत में लगा था ।
लॉक डाउन के दिन काफी जल्दी बीत गए, पूरे साल बाद खुला भारत . सोच बदल चुकी थी की सरकारी नौकरी लग कर घर के बोझ से छुटकारा मिल जाएगा इसी की तलाश में मैं पहुंच गया शिक्षा नगरी सीकर.
लगभग आठ से नौ महीने बीत जाने के बाद वापस घर आना पड़ा ।
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और फिर वही रोज पहले जैसा सीन , रोज आना और जाना । सोच के जाता था घर से कि उस गली की ओर मुंह ना करेंगे लेकिन ये दिल कब किसकी सुनता है चला जाता उसी गली ।
फिर एक बार फिर मेरे ऊपर इश्क का भूत सवार हो गया ।
“कफस _में _कैद _आवारगी_ को_ याद_ करता_हूं !
मैं _यू ही _दिन _रात_वक्त _बर्बाद _करता _हूं !!!!”
हा वक्त को बर्बाद ही तो कर रहा था मैं ।
किसी महान सायर ने कहा है कि
” अगर आप लव में हो तो आप चुतिया हो और अगर आप एक तरफा प्यार में हो तो फिर आप अखंड चुतिया हो ”
और ये बात 110% सही भी है
क्यों कि आप कुछ कह नहीं सकते उसे और वो आपको कुछ कहेगा भी नहीं ।
पर कुछ भी कहो मेरे जीवन में क्या महत्व हैं और रहेगा, उनका ये बताना थोड़ा नहीं बहुत ज्यादा मुस्किल हैं,
गलती किस की निकली जाए ये भी समझ नही आया अभी तक, पर सच बोलूं तो मैंने तो अपनी गलती स्वीकार कर ली और छोड़ दिया हैं सब कुछ उसके भरोसे,
अरे! नहीं भगवान के भरोसे, अब तो शायद ऐसे ही जीना पड़ेगा। पहले उनके दीदार तो हो जाते थे चाहे वो महीने से ही हो, पर अब तो उसकी भी आस नही रही।
हां सही सोचा मैं यहां उनके लिए आया था अपना सब कुछ छोड़ कर और अब वो वहा हैं जहां पहले मै था ।
ये मेरी जिंदगी का वो अधूरा अध्याय हैं जो कभी किसी भी लेखक के द्वारा पूरा नहीं लिखा जाएगा…
” बिना मिले ही इश्क हुआ उससे,
बिना मिले सब ख़त्म भी हो गया”
‘
*ख़त्म हो जाएगा ये उम्मीदों का सिलसिला भी,
जैसे मैं ख़त्म हो रहा हूं,
आज नहीं तो कल ये जज्बात जो जी रहे है,
ख़त्म हो जायेंगे,
कोई कुछ मर्जी कहे मुझे,
लेकिन अब वो उम्मीदों का सिलसिला ख़त्म हो रहा है,
जैसे मैं ख़त्म हो रहा हूं…*:
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